Friendship Day special
जो खुद तकलीफ़ में होकर भी मेरे सारे ग़म हंस कर बांट लेता है,
जो तेज़ बारिश में भी जो मेरे बहते अश्कों को भाप लेता है,
जो उल्झी जिन्दिगी के मेरे हर सवालों का जो जबाब ढूढ़ लेता है,
अब तुझे भाई कहूँ दोस्त कहूँ या कहूँ जिगरी यार ..तू तो वो शक्श है यारा जो जीवन के मेरे हर किस्से में सामिल रहता हैं!
Ⓒअनिकेत जैन
IG|@by_someone_for_you
0 Comments